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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 इतिहास - भारत में राष्ट्रवाद

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :128
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2786
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 इतिहास - भारत में राष्ट्रवाद - सरल प्रश्नोत्तर

अध्याय - 6

मुस्लिम लीग की स्थापना : कार्यक्रम एवं नीतियाँ

(Birth of Muslim League : Programme and Policies)

प्रश्न- मुस्लिम लीग की स्थापना एवं नीतियों पर प्रकाश डालिए।

अथवा
मुस्लिम लीग की स्थापना एवं कार्यों की विवेचना कीजिए।

उत्तर -

भारत में ब्रिटिश शासन की स्थापना मुगलों के शासन के बाद हुई थी। मुगलकाल तक भारत में हिन्दू-मुस्लिम वैमनस्य की स्थिति कम थी। परन्तु ब्रिटिश शासन द्वारा 1857 ई. के संग्राम के समय ही इस बात का अनुमान लगा लिया गया था कि यदि भारत में शासन बनाए रखना है तो हिन्दू-मुस्लिम वैमनस्य को बढ़ाना होगा। अतः उनके द्वारा उत्तरवर्ती वर्षों में साम्प्रदायिक राजनीति को बढ़ावा देने के प्रयास किये गये। अंग्रेजों ने राजनीति में धार्मिक तुष्टिकरण की नीति अपनायी। इस प्रकार भारत में साम्प्रदायिक राजनीति का प्रकटीकरण व्यापक रूप में हुआ। 20वीं सदी के पूर्वार्द्ध में साम्प्रदायिक राजनीति को विस्तार देने के प्रयास हुए। इसी अवधि में बंग-भंग, मुस्लिम लीग की स्थापना इत्यादि प्रमुख कार्य हुये जोकि उत्तरवर्ती समय में हानिकारक सिद्ध हुये।

भारत में मुस्लिम लीग की नीतियाँ व कार्य कुछ अपवादों को छोड़कर साम्प्रदायिकता को बढ़ाने वाले ही रहे। अतः भारत में साम्प्रदायिक राजनीति के उदय व विकास के विशेष सन्दर्भ में मुस्लिम लीग की स्थापना, नीतियों व कार्यों का उल्लेख निम्नांकित शीर्षकों के अन्तर्गत भली प्रकार से किया जा सकता है

मुस्लिम लीग की स्थापना - हिन्दुओं और मुसलमानों में दूरी बढ़ाने के लिए प्रशासकीय सुविधा के नाम पर लार्ड कर्जन ने बंगाल का विभाजन किया। बंगाल के विभाजन से हिन्दुओं व मुसलमानों दोनों में आक्रोश था परन्तु ब्रिटिश प्रशासन द्वारा सुनियोजित तरीके से मुस्लिमों को इसके पक्ष में करने के विशेष प्रयास किये गये। स्वयं लार्ड कर्जन ने बंगाल का दौरा किया तथा कुछ हद तक आपने कुत्सित उद्देश्य में सफलता भी प्राप्त की। उसने ढाका के नवाब 'सलीमुल्ला' को बंग-भंग के पक्ष में तैयार कर लिया, किन्तु बावजूद इसके अधिकांश मुस्लिम नेता व जनता इसके विरोध में थे।

अतः अपनी चाल को असफल होते देखकर सरकार ने भारतीय मुसलमानों को कांग्रेस विरोधी किसी संस्था के गठन के लिये प्रेरित किया तथा इसी उद्देश्य से अंग्रेजों के समर्थक नवाब सलीमुल्ला को भी प्रोत्साहित किया गया। नवाब सलीमुल्ला से 'मोहम्मडन एजुकेशलन कॉन्फ्रेंस' के समय ढाका में मुसलमानों के लिये अलग राजनीतिक संगठन बनाने का प्रस्ताव रखा, जिसका उद्देश्य ब्रिटिश सरकार का समर्थन करते हुए मुस्लिमों के स्वार्थों की रक्षा करना हो। नवाब सलीमुल्ला के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया। तत्पश्चात् 30 दिसम्बर, 1906 ई. को नवाब 'बकर-उल-मुल्क' की अध्यक्षता में 'मुस्लिम लीग' की स्थापना का निर्णय लिया गया। इस प्रकार 1906 ई. में मुस्लिम लीग की स्थापना हुई।

मुस्लिम लीग के उदय की परिस्थितियों से स्पष्ट था कि यह मुस्लिमों में भारत के प्रति नहीं अपितु ब्रिटिश शासन के प्रति निष्ठा का संचार करते हुए मुस्लिमों के हितों की पूर्ति करना चाहती थी।

मुस्लिम लीग की नीतियाँ व कार्य - मुस्लिम लीग की स्थापना अंग्रेजों के लिए एक बड़ी सफलता थी। उन्होंने मुस्लिम तुष्टिकरण को बढ़ावा देना प्रारम्भ कर दिया। मुसलमानों को अपने पक्ष में बनाए रखने के लिए ब्रिटिशों द्वारा अनेक प्रयास किये गये तथा सुविधाओं में वृद्धि की गयी। मुस्लिम लीग ने अपनी स्थापना के साथ ही साम्प्रदायिक संगठन के रूप में कार्य करना प्रारम्भ कर दिया। 'आगा खाँ' के नेतृत्व में 1906 ई. में ही एक प्रतिनिधिमण्डल वायसराय से मिला। इस प्रतिनिधिमण्डल ने निम्नलिखित माँगें वायसराय के समक्ष रखीं -

1. मुसलमानों के लिए पृथक निर्वाचन क्षेत्र।
2. विधान मण्डलों में मुस्लिमों को उनकी जनसंख्या से अधिक स्थान।
3. सरकारी नौकरियों में मुसलमानों को अधिक स्थान।
4. मुस्लिम विश्वविद्यालय की स्थापना में सरकारी अनुदान।
5. गवर्नर जनरल की कौंसिल में भारतीयों के रखे जाने पर मुस्लिमों को भी शामिल किया जाना।

उपर्युक्त माँगों के सन्दर्भ में लॉर्ड मिन्टों ने कहा कि - "आपकी यह माँग बिल्कुल सही हैं कि आप लोगों का महत्व आपकी संख्या से न आंका जाए, बल्कि आपके सम्प्रदाय के राजनीतिक महत्व को भी देखा जाए, और उसने जो साम्राज्य की सेवाएँ की हैं, उनका ध्यान रखा जाए। मैं आपसे पूर्णरूपेण सहमत हूँ।" इस प्रकार अंग्रेजों द्वारा मुस्लिम लीग की साम्प्रदायिक राजनीति को व्यापक स्वरूप प्रदान करने चाल थी। इस माँग को 1909 ई. के अधिनियम द्वारा स्वीकार कर लागू भी कर दिया गया। मुस्लिम लीग को इससे काफी प्रोत्साहन मिला परन्तु कालान्तर में कई राष्ट्रवादी मुस्लिम नेताओं द्वारा इसका विरोध भी किया गया। अबुल कलाम आजाद, नवाब सैय्यद मुहम्मद मौलाना मोहम्मद अली, हसन इमाम इत्यादि नेताओं ने 'मुस्लिम लीग' की नीतियों का तीक्ष्ण विरोध किया।

फलस्वरूप आगे के वर्षों में लीग की नीतियों में परिवर्तन आना प्रारम्भ हुआ। 1913 ई. में मुस्लिम लीग ने घोषणा की कि उसका उद्देश्य है - "साम्राज्य के अन्दर स्वराज्य प्राप्त करना तथा अन्य सम्प्रदायों के साथ सहयोग करना। 1914 ई. में प्रथम विश्वयुद्ध कालीन परिस्थितियों ने मुस्लिम लीग व कांग्रेस को निकट कर दिया। 1916 ई. में लीग व कांग्रेस के मध्य लखनऊ समझौता सम्पन्न हुआ। असहयोग आन्दोलन (1919 ई.) में लीग व कांग्रेस ने मिलकर सहभागिता की तथा खिलाफत कमेटी भी इसमें शामिल हो गयी। परन्तु आगे चलकर यह निकटता पुनः दूरी में बदलने लगी। 1921 ई. में 'मुहम्मद अली जिन्ना' ने स्वयं को कांग्रेस से अलग कर लिया। 1922 ई. में असहयोग आन्दोलन बीच में ही स्थगित कर दिये जाने से खिलाफत कमेटी भी कांग्रेस के विरुद्ध हो गयी। 1928 ई. में 'साइमन कमीशन के बहिष्कार के मुद्दे पर मुस्लिम लीग में मतभेद उत्पन्न हुए और यह दो गुटों में विभक्त हो गयी। जिन्ना के नेतृत्व वाले गुट ने इसका समर्थन किया। मोहम्मद शफी ने जिन्ना के नेतृत्व वाली मुस्लिम लीग को क्षीण बनाने के लिए 31 दिसम्बर 1928 ई. को आगा खाँ के नेतृत्व में 'आल पार्टीज मुस्लिम कांफ्रेन्स आयोजित की। इसी समय ब्रिटिश सरकार ने 'कम्यूनल 'अवार्ड' की घोषणा की और सम्प्रदायिकता को बढ़ावा दिया गया। 1937 ई. में हुए आम चुनावों में कांग्रेस की अपेक्षा मुस्लिम लीग को सफलता प्राप्त न हो सकी। इससे कांग्रेस व लीग के बीच और दूरी बढ़ गयी।

फलस्वरूप - 1938 ई. में मुस्लिम लीग की कार्यकारिणी के सदस्य इंग्लैण्ड में भारत सचिव से मिले और भारत विभाजन के विषय में चर्चा की। 22 दिसम्बर, 1939 ई. को कांग्रेस मन्त्रिमण्डलों के त्याग पत्र देने पर जिन्ना ने 'मुक्ति दिवस मनाया और मुस्लिम लीग को कांग्रेस के समान अधिकार दिये जाने की माँग की। 1946 ई. के चुनावों में मुस्लिम लीग को अप्रत्याशित सफलता मिली। अतः मुस्लिम लीग द्वारा पृथक राज्य (पाकिस्तान) की माँग को प्रबल कर दिया गया।

इस प्रकार अन्ततः साम्प्रदायिक राजनीति चरम पर पहुँच गयी और मुस्लिम लीग की पृथक राज्य की माँग को स्वीकार किया गया। अतः स्पष्टतया कहा जा सकता है कि मुस्लिम लीग ने अपने गठन के साथ ही साम्प्रदायिक राजनीति का सहारा लिया और अन्ततः भारतं विभाजन के रूप में इसका प्रकटीकरण भी हुआ।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- 1857 के विद्रोह के कारणों की समीक्षा कीजिए।
  2. प्रश्न- 1857 के विद्रोह के स्वरूप पर एक निबन्ध लिखिए। उनके परिणाम क्या रहे?
  3. प्रश्न- सन् 1857 ई. की क्रान्ति के प्रभावों की व्याख्या कीजिए।
  4. प्रश्न- सन् 1857 ई. के विद्रोह का दमन करने में अंग्रेज किस प्रकार सफल हुए, वर्णन कीजिये?
  5. प्रश्न- सन् 1857 ई० की क्रान्ति के परिणामों की विवेचना कीजिये।
  6. प्रश्न- 1857 ई० के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की प्रमुख घटनाओं का वर्णन कीजिए।
  7. प्रश्न- 1857 के विद्रोह की असफलता के क्या कारण थे?
  8. प्रश्न- 1857 के विद्रोह में प्रशासनिक और आर्थिक कारण कहाँ तक उत्तरदायी थे? स्पष्ट कीजिए।
  9. प्रश्न- 1857 ई० के विद्रोह के राजनीतिक एवं सामाजिक कारणों का वर्णन कीजिए।
  10. प्रश्न- 1857 के विद्रोह ने राष्ट्रीय एकता को किस प्रकार पुष्ट किया?
  11. प्रश्न- बंगाल में 1857 की क्रान्ति की प्रकृति का वर्णन कीजिए।
  12. प्रश्न- 1857 के विद्रोह के लिए लार्ड डलहौजी कहां तक उत्तरदायी था? स्पष्ट कीजिए।
  13. प्रश्न- सन् 1857 ई. के विद्रोह के राजनीतिक कारण बताइये।
  14. प्रश्न- सन् 1857 ई. की क्रान्ति के किन्हीं तीन आर्थिक कारणों का उल्लेख कीजिये।
  15. प्रश्न- सन् 1857 ई. की क्रान्ति में तात्याटोपे के योगदान का विवेचन कीजिये।
  16. प्रश्न- सन् 1857 ई. के महान विद्रोह में जमींदारों की भूमिका का उल्लेख कीजिए।
  17. प्रश्न- सन् 1857 ई. के विद्रोह के यथार्थ स्वरूप को संक्षिप्त में बताइये।
  18. प्रश्न- सन् 1857 ई. के झाँसी के विद्रोह का अंग्रेजों ने किस प्रकार दमन किया, वर्णन कीजिये?
  19. प्रश्न- सन् 1857 ई. के विप्लव में नाना साहब की भूमिका का मूल्यांकन कीजिए।
  20. प्रश्न- प्रथम स्वाधीनता संग्राम के परिणामों एवं महत्व पर प्रकाश डालिए।
  21. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रवाद के प्रारम्भिक चरण में जनजातीय विद्रोहों की भूमिका का परीक्षण कीजिए।
  22. प्रश्न- भारत में मध्यम वर्ग के उदय के कारणों पर प्रकाश डालिए। भारतीय राष्ट्रवाद के प्रसार में मध्यम वर्ग की क्या भूमिका रही?
  23. प्रश्न- भारत में कांग्रेस के पूर्ववर्ती संगठनों व इसके कार्यों पर प्रकाश डालिए।
  24. प्रश्न- भारत में क्रान्तिकारी राष्ट्रवाद के उदय में 'बंगाल विभाजन' की घटना का क्या योगदान रहा? भारत में क्रान्तिकारी आन्दोलन के प्रारम्भिक इतिहास का उल्लेख कीजिए।
  25. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उदय की परिस्थितियों पर प्रकाश डालते हुए कांग्रेस की स्थापना के उद्देश्यों की विवेचना कीजिए।
  26. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना के प्रारम्भिक वर्षों में कांग्रेस की नीतियाँ क्या थी? सविस्तार उल्लेख कीजिए।
  27. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उग्रपंथियों के उदय के क्या कारण थे?
  28. प्रश्न- उग्रपंथियों द्वारा किन साधनों को अपनाया गया? सविस्तार समझाइए।
  29. प्रश्न- भारत में मध्यमवर्गीय चेतना के अग्रदूतों में किन महापुरुषों को माना जाता है? इनका भारतीय स्वाधीनता आन्दोलन व राष्ट्रवाद में क्या योगदान रहा?
  30. प्रश्न- गदर पार्टी आन्दोलन (1915 ई.) पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
  31. प्रश्न- कांग्रेस के प्रथम अधिवेशन में कांग्रेस के द्वारा घोषित किये गये उद्देश्यों पर प्रकाश डालिए।
  32. प्रश्न- कांग्रेस सच्चे अर्थों में राष्ट्रीयता का प्रतिनिधित्व करती थी, स्पष्ट कीजिये।
  33. प्रश्न- जनजातियों में ब्रिटिश शासन के प्रति असन्तोष का सर्वप्रमुख कारण क्या था?
  34. प्रश्न- महात्मा गाँधी के प्रमुख विचारों पर प्रकाश डालते हुए उनके भारतीय राजनीति में पदार्पण को 'चम्पारण सत्याग्रह' के विशेष सन्दर्भ में उल्लिखित कीजिए।
  35. प्रश्न- राष्ट्रीय आन्दोलन में महात्मा गाँधी की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
  36. प्रश्न- असहयोग आन्दोलन के प्रारम्भ होने प्रमुख कारणों की सविस्तार विवेचना कीजिए।
  37. प्रश्न- 'सविनय अवज्ञा आन्दोलन का प्रारम्भ कब और किस प्रकार हुआ? सविनय अवज्ञा आन्दोलन के कार्यक्रम पर प्रकाश डालिए।
  38. प्रश्न- 'भारत छोड़ो आन्दोलन' के प्रारम्भ होने के प्रमुख कारणों की सविस्तार विवेचना कीजिए।
  39. प्रश्न- राष्ट्रीय आन्दोलन में टैगोर की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
  40. प्रश्न- राष्ट्र एवं राष्ट्रवाद पर टैगोर तथा गाँधी जी के विचारों की तुलना कीजिए।
  41. प्रश्न- 1885 से 1905 के की भारतीय राष्ट्रवाद के विकास का पुनरावलोकन कीजिए।
  42. प्रश्न- महात्मा गाँधी द्वारा 'खिलाफत' जैसे धार्मिक आन्दोलन का समर्थन किन आधारों पर किया गया था?
  43. प्रश्न- 'बारडोली सत्याग्रह' पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
  44. प्रश्न- गाँधी-इरविन समझौता (1931 ई.) पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
  45. प्रश्न- 'खेड़ा सत्याग्रह' पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  46. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उदारपंथी चरण के विषय में बताते हुए उदारवादियों की प्रमुख नीतियों का उल्लेख कीजिये।
  47. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उदारपंथी चरण की सफलताओं एवं असफलताओं का उल्लेख कीजिए।
  48. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उग्रपंथियों के उदय के क्या कारण थे?
  49. प्रश्न- उग्रपंथियों द्वारा पूर्ण स्वराज्य के लिए किन साधनों को अपनाया गया? सविस्तार समझाइए।
  50. प्रश्न- उग्रवादी तथा उदारवादी विचारधारा में अंतर बताइए।
  51. प्रश्न- बाल -गंगाधर तिलक के स्वराज और राज्य संबंधी विचारों का वर्णन कीजिए।
  52. प्रश्न- प्रारम्भ में कांग्रेस के क्या उद्देश्य थे? इसकी प्रारम्भिक नीति को उदारवादी नीति क्यों कहा जाता है? इसका परित्याग करके उग्र राष्ट्रवाद की नीति क्यों अपनायी गयी?
  53. प्रश्न- उदारवादी युग में कांग्रेस के प्रति सरकार का दृष्टिकोण क्या था?
  54. प्रश्न- भारत में लॉर्ड कर्जन की प्रतिक्रियावादी नीतियों ने किस प्रकार उग्रपंथी आन्दोलन के उदय व विकास को प्रेरित किया?
  55. प्रश्न- उदारवादियों की सीमाएँ एवं दुर्बलताएँ संक्षेप में लिखिए।
  56. प्रश्न- उग्रवादी आन्दोलन का मूल्यांकन कीजिए।
  57. प्रश्न- भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के 'नरमपन्थियों' और 'गरमपन्थियों' में अन्तर लिखिए।
  58. प्रश्न- स्वदेशी आन्दोलन पर विस्तृत विवेचना कीजिए।
  59. प्रश्न- कांग्रेस के सूरत विभाजन पर प्रकाश डालिए।
  60. प्रश्न- अखिल भारतीय काँग्रेस (1907 ई.) में 'सूरत की फूट' के कारणों एवं परिस्थितियों का विवरण दीजिए।
  61. प्रश्न- कांग्रेस में 'सूरत फूट' की घटना पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
  62. प्रश्न- स्वदेशी आन्दोलन पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  63. प्रश्न- कांग्रेस की स्थापना पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  64. प्रश्न- स्वदेशी आन्दोलन की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
  65. प्रश्न- स्वदेशी विचार के विकास का वर्णन कीजिए।
  66. प्रश्न- स्वदेशी आन्दोलन के महत्त्व पर प्रकाश डालिए।
  67. प्रश्न- स्वराज्य पार्टी की स्थापना किन कारणों से हुई?
  68. प्रश्न- स्वराज्य पार्टी के पतन के प्रमुख कारणों को बताइए।
  69. प्रश्न- कांग्रेस के प्रथम अधिवेशन में कांग्रेस के द्वारा घोषित किये गये उद्देश्यों पर प्रकाश डालिए।
  70. प्रश्न- कांग्रेस सच्चे अर्थों में राष्ट्रीयता का प्रतिनिधित्व करती थी, स्पष्ट कीजिये।
  71. प्रश्न- दाण्डी यात्रा का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत कीजिए।
  72. प्रश्न- मुस्लिम लीग की स्थापना एवं नीतियों पर प्रकाश डालिए।
  73. प्रश्न- मुस्लिम लीग साम्प्रदायिकता फैलाने के लिए कहाँ तक उत्तरदायी थी? स्पष्ट कीजिए।
  74. प्रश्न- साम्प्रदायिक राजनीति के उत्पत्ति में ब्रिट्रिश एवं मुस्लिम लीग की भूमिका की विवेचना कीजिये।
  75. प्रश्न- मुहम्मद अली जिन्ना द्वारा मुस्लिम लीग को किस प्रकार संगठित किया गया?
  76. प्रश्न- लाहौर प्रस्ताव' क्या था? भारत के विभाजन में इसकी क्या भूमिका रही?
  77. प्रश्न- मुहम्मद अली जिन्ना ने किस प्रकार भारत विभाजन की पृष्ठभूमि तैयार की?
  78. प्रश्न- मुस्लिम लीग के उद्देश्य बताइये। इसका भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम पर क्या प्रभाव पड़ा?
  79. प्रश्न- मुहम्मद अली जिन्ना के राजनीतिक विचारों पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  80. प्रश्न- मुस्लिम लीग तथा हिन्दू महासभा जैसे राजनैतिक दलों ने खिलाफत आन्दोलन का विरोध क्यों किया था?
  81. प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध के क्या कारण थे?
  82. प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध के क्या परिणाम हुए?
  83. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन पर प्रथम विश्व युद्ध का क्या प्रभाव पड़ा, संक्षेप में व्याख्या कीजिए।
  84. प्रश्न- प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान उत्पन्न हुए होमरूल आन्दोलन पर प्रकाश डालिए। इसकी क्या उपलब्धियाँ रहीं?
  85. प्रश्न- गाँधी जी ने असहयोग आन्दोलन क्यों प्रारम्भ किया? वर्णन कीजिए।
  86. प्रश्न- लखनऊ समझौते के विषय में आप क्या जानते हैं? विस्तृत विवेचन कीजिए।
  87. प्रश्न- प्रथम विश्वयुद्ध का उत्तरदायित्व किस देश का था?
  88. प्रश्न- प्रथम विश्वयुद्ध में रोमानिया का क्या योगदान था?
  89. प्रश्न- 'लखनऊ समझौता, पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
  90. प्रश्न- 'रॉलेक्ट एक्ट' पर संक्षित टिपणी कीजिए।
  91. प्रश्न- राष्ट्रीय जागृति के क्या कारण थे?
  92. प्रश्न- होमरूल आन्दोलन पर संक्षित टिपणी दीजिए।
  93. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रवादी और प्रथम विश्वयुद्ध पर संक्षित टिपणी लिखिए।
  94. प्रश्न- अमेरिका के प्रथम विश्व युद्ध में शामिल होने के कारणों की व्याख्या कीजिए।
  95. प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध के बाद की गई किसी एक शान्ति सन्धि का विवरण दीजिए।
  96. प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध का पराजित होने वाले देशों पर क्या प्रभाव पड़ा?
  97. प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध का उत्तरदायित्व किस देश का था? संक्षेप में वर्णन कीजिए।
  98. प्रश्न- गदर पार्टी आन्दोलन (1915 ई.) पर संक्षित प्रकाश डालिए।
  99. प्रश्न- 1919 का रौलट अधिनियम क्या था?
  100. प्रश्न- असहयोग आन्दोलन के सिद्धान्त, कार्यक्रमों का संक्षित वर्णन कीजिए।
  101. प्रश्न- श्रीमती ऐनी बेसेन्ट के कार्यों का मूल्यांकन व महत्व समझाइये |
  102. प्रश्न- थियोसोफिकल सोसायटी का उद्देश्य बताइये।

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